उत्तराखंडक्राइमदेहरादून

आईपीओ में मोटी कमाई लालच देकर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

अल्मोड़ा के युवक से की एक करोड़ 36 लाख की ठगी

देहरादूनः उत्तराखंड एसटीएफ ने साइबर धोखाधड़ी के दो आरोपियों को कानपुर से गिरफ्तार किया। आरोपी खुद को एचडीएफसी सिक्योरिटीज का प्रतिनिधि बताकर आईपीओ में निवेश कर अधिक मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों से धनराशि जमा करवाकर ठगी करते थे। आरोपियों के फर्म के बैंक खातों में करोड़ों रुपये की धनराशि का लेनदेन सामने आया है।
अल्मोड़ा निवासी पीड़ित द्वारा अगस्त 2024 में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि, उन्हें व्हाट्सअप पर अज्ञात नंबर से कॉल और मैसेज प्राप्त हुआ। इस नंबर पर चौटिंग करने पर अज्ञात द्वारा खुद को एचडीएफसी सिक्योरिटीज का प्रतिनिधि बताया गया और एक व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए कहा गया। व्यक्ति ने एचडीएफसी वीआईपी एप्लिकेशन डाउनलोड कर इन्वेस्ट करने के लिए कहा। इस एप्लिकेशन में ट्रेडिंग करने के लिए उनके द्वारा व्हाट्सअप और कॉल के माध्यम से उपलब्ध कराए गए अलग-अलग बैंक खातों में करीब 1 करोड़ 36 लाख रुपए की धनराशि धोखाधड़ी से जमा कराई गई। उसके बाद आरोपियों ने नए जारी होने वाले आईपीओ में अधिक मुनाफे का लालच दिया। इसमें निवेश करने पर पीड़ित को कुछ ही दिनों में मुनाफा समेत लगभग 8 करोड़ रुपए की धनराशि एप्लिकेशन के डैशबोर्ड में प्रदर्शित की गई। लेकिन कई दिनों बाद भी निवेशकर्ता को कुछ नहीं मिला तो उन्होंने ठगी के संबंध में पुलिस से शिकायत की। अल्मोड़ा निवासी पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
साइबर क्राइम पुलिस द्वारा घटना में प्रयोग बैंक खातों और मोबाइल नंबरों समेत व्हाट्सएप की जानकारी के लिए संबंधित बैंकों, सर्विस प्रदाता कंपनी, मेटा और गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा से जानकारी में सामने आया कि आरोपियों ने पीड़ित से धोखाधड़ी की है। धनराशि को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था। जिसमें से 48.5 लाख रुपए की धनराशि सेंगर टेलीकॉम नाम से बनाई गई फर्म के चालू खाते में ट्रांसफर की गई थी। बैंक खातों को चेक करने पर पता चला कि आरोपियों ने इन बैंक खातों में फर्जी आईडी से लिए गए मोबाइल नंबरों को एसएमएस अलर्ट के रूप में रजिस्टर्ड कराया था। जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने घटना के मास्टरमांइड और मुख्य आरोपी अभिनव राज सिंह सेंगर निवासी कानपुर और मुकेश यादव को चिन्हित करते हुए आरोपियों की तलाश की। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर दबिशें दी गई। लेकिन आरोपी पुलिस को चकमा देने के लिए बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहे थे। आखिरकार साइबर पुलिस टीम ने अभिनव राज सिंह सेंगर और मुकेश यादव को कानपुर से गिरफ्तार किया।
साइबर ठग व्हाट्सएप पर कॉल और मैसेज के माध्यम से पीड़ितों को शेयर बाजार में निवेश और आईपीओ की ट्रेडिंग की जानकारी देकर, लिंक के माध्यम से व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ कर ऑनलाइन ट्रेडिंग करने और मोबाइल फोन में एसडीएफसी वीआईपी का फर्जी एप्लिकेशन डाउनलोड करवाकर नए शेयर के जारी होने वाले (आईपीओ ) में मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करते थे। अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को अपनी फर्म के बैक खातों में प्राप्त कर धनराशि को आईएमपीएस व आरटीजीएफ के माध्यम से ट्रांसफर कर दिया जाता था।
पीड़ित को लालच देने के लिए एसटीएफसी सिक्योरिटीज से मिलता जुलता  एसडीएफसी वीआईपी मोबाइल एप्लिकेशन में मुनाफे की धनराशि एप्लीकेशन के डैशबोर्ड पर दिखाई देती थी। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके द्वारा बैंक खातों में लिंक मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को इटंरनेट बैंकिंग के लिए प्रयोग किया जाता था। साइबर पुलिस द्वारा देश भर में विभिन्न राज्यों से प्राप्त शिकायतों के संबंध में जानकारी के लिए अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपियों ने साइबर अपराध के लिए अपनी फर्म के बैंक खाते का प्रयोग साइबर अपराध में ठगी गई धनराशि को जमा करने और अन्य खातों में ट्रांसफर किया किया है। बैंक खाते के स्टेटमेंट में करोड़ों रुपए का लेनदेन किया जाना पाया गया है। जांच में पता चला कि इन बैंक खातों के खिलाफ देश के कई राज्यों से साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं। गिरफ्तार आरोपियों द्वारा प्रयोग किए गए फर्म के खाते के खिलाफ देशभर के अलग-अलग राज्यों दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल राज्यों में कुल 34 शिकायतें दर्ज हैं।

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