खड़गे ने पत्र गलत पते पर भेजा, राहुल को समझाते तो पत्र लिखने की नौबत नहीं आतीः भट्ट
राहुल का महिमामंडन करना कांग्रेस की मजबूरी, भाजपा की नहीः भट्ट
देहरादून। भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे पर तंज कसते हुए कहा, लगता है उन्होंने अपना पत्र गलत पते पर भेज दिया है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और सद्भावना को लेकर थोड़ा सा ज्ञान यदि वह अपने युवराज को दे देते तो पत्र ही लिखने की नौबत नहीं आती। हालांकि अभद्र बयानों को लेकर स्वयं खड़गे जी का रिकॉर्ड भी दागदार है।
उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के खड़गे को लिखे पत्र को कांग्रेस पार्टी के राहुल पुराण का असल भावार्थ बताया है। साथ ही कहा, हालांकि हम भी जानते हैं कि राहुल की लाख कमियों के बाद भी उनका महिमामंडन करना खड़गे और कांग्रेस की मजबूरी है। लेकिन हमारी और देशवासियों की मजबूरी नहीं है कि उनके देश विरोधी, समाज विरोधी और विकास विरोधी विचारों का समर्थन किया जाए। वे विदेश जाकर देश की छवि बिगाड़ने और जातिवाद का जहर घोलने का काम करें और सभी चुपचाप सुनते रहे।
उन्हें अपने युवराज की आलोचना पर विरोध जताने से पहले उनके और अपनी पार्टी नेताओं एवं सहयोगियों के कथनों एवं कृत्यों पर भी विचार करना चाहिए। उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं तक ने प्रधानमंत्री के अपमान क्या क्या नहीं कहा। स्वयं राहुल ने देश के प्रधानमंत्री सहित पूरे ओबीसी समुदाय को चोर कहकर गाली दी, अत्यंत अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने के साथ देश के प्रधानमंत्री को डंडे से पीटने की बात कही हो, जिनकी सनातन विरोधी, जातिवादी मानसिकता से पूरा देश वाकिफ हो, उनकी शीर्ष नेता सोनिया गांधी ने तो प्रधानमंत्री के लिए ‘मौत का सौदागरश् तक कहा। इस तरह कांग्रेस और उनके सहयोगी नेताओं ने पिछले 10 साल में पीएम मोदी को 110 से अधिक गालियां दी हैं। ऐसे तमाम दुर्भावनापूर्ण, और शर्मनाक बयानों पर खड़गे जी को कभी आपत्ति नहीं हुई। तब कांग्रेस पार्टी, राजनीतिक शुचिता की बातें क्यों भूल जाती है और कहां चली जाती हैं उनकी राजनैतिक मर्यादा।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपनी मुहब्बत की दुकान को नफरत के सामानों से भरा हुआ है। वे मोदी विरोध की खातिर हमेशा विदेश जाकर देश की छवि खराब करने का कुत्सित प्रयास करते हैं। लिहाजा खड़गे को किसी और को पत्र लिखने की जरूरत नहीं है, बल्कि एक बुजुर्ग की भूमिका में राहुल समेत अपने तमाम नेताओं को समझाना चाहिए। हालांकि स्वयं खड़गे जी भी अपने अशोभनीय बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं।