उत्तराखंडनैनीतालहादसा

भीमताल के तीन गांवों में कर्फ्यू जैसे हालात

11 दिन से स्कूल बंद, वन्य जीव ले चुका है 3 जिंदगी

ग्रामीणों का वन विभाग के खिलाफ बढ़ रहा आक्रोश
वन कर्मी लगातार कर रहे गश्त

हल्द्वानी। नैनीताल जिले के भीमताल विधानसभा क्षेत्र के पिनरो, अलचौना और मलवाताल इलाके में आदमखोर गुलदार व बाघ का आतंक जारी है। आदमखोर वन्य जीव 14 दिन के भीतर तीन लोगों को अपना शिकार बना चुका है। आदमखोर वन्य जीव ने अपना पहला शिकार 7 दिसंबर को बनाया था। तब से आज तक 15 दिन बीत चुके हैं। लेकिन वन विभाग वन्य जीव को पकड़ने में नाकमयाब साबित हो रहा है। जबकि 10 दिसंबर से इलाके के जूनियर और प्राइमरी स्कूल भी बंद हैं।
भीमताल विधानसभा क्षेत्र के पिनरो, अलचौना और मलवाताल इलाके में पिछले 15 दिन से आदमखोर बाघ व गुलदार का आतंक बना हुआ। 10 दिसंबर से इलाके के जूनियर और प्राइमरी स्कूल बंद हैं। जबकि महिलाएं और बुजुर्ग भी घर से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानो इलाके में धारा 144 लागू हो। दूसरी तरफ वन्य जीव के आतंक को देखते हुए ग्रामीणों का वन विभाग के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पिछले 15 दिन से वन विभाग की टीम जंगल की खाक छान रही है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि अभी तक वन विभाग आदमखोर वन्य जीव गुलदार है या बाघ इसका पता नहीं कर पाया है। हालांकि, वन विभाग ने 19 दिसंबर को हुई घटना में बाघ के होने की पुष्टि की है।
वन विभाग द्वारा आदमखोर वन्यजीव को पकड़ने के लिए कैमरा ट्रैप, ड्रोन कैमरे की मदद ली जा रही है। आदमखोर वन्य जीव के आतंक को लेकर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वन कर्मी लगातार गश्त करें। रास्ते के अलावा गांवों के बीच में भी गश्त बढ़ाई जाए। इसके अलावा ग्रामीणों से अपील की है कि वे अकेले जंगल की तरफ ना जाएं। आदमखोर वन्य जीव को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास जारी है।

13 दिन के भीतर कब कब घटी घटनाएं
गौरतलब है कि 13 दिन के भीतर आदमखोर जीव तीन लोगों को निवाला बना चुका है। पहली घटना 7 दिसंबर को इंदिरा देवी निवासी मलूवाताल गांव, दूसरी घटना 9 दिसंबर को पुष्पा देवी, पिनरो गांव और तीसरी घटना 19 दिसंबर को निकिता शर्मा निवासी अलचौना गांव के रूप में घटी है। ये सभी गांव भीमताल विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। दूसरी घटना घटने के अगले ही दिन 10 दिसंबर से इलाके के स्कूल भी बंद हैं। ग्रामीण दहशत में हैं और गांव में कर्फ्यू जैसी स्थिति है। लोगों को रोजमर्रा के काम भी प्रभावित हो रहे हैं।

कोटद्वार के जंगल में भालू ने किया घास लेने गई महिला पर हमला
कोटद्वार। द्वारीखाल ब्लॉक के पर्वतीय क्षेत्रों में भालू का आतंक बना हुआ है। टाटरी गांव की कुसुम देवी पत्नी उदय सिंह जंगल में चारा पत्ती लेने गयी थी। तभी भालू ने उस पर हमला बोल दिया। कुसुम देवी ने साहस का परिचय देते हुए दरांती से भालू पर जोरदार हमला किया और अपनी जान बचाने में कामयाब हो पायी। लैंसडाउन वन प्रभाग के दुगड्डा रेंज के अन्तर्गत टाटरी गांव में भालू के हमले में महिला गम्भीर रूप से घायल हो गयी। गम्भीर रूप से घायल महिला को 108 एंबुलेंस की मदद से एम्स ऋषिकेश में भर्ती करवाया गया है। 108 ईएमटी अनूप चौहान ने बताया कि महिला के हाथों में भालू के नाखून व दांत के गहरे निशान हैं। इस वजह से घायल महिला का काफी खून बह गया। तत्काल महिला को ऋषिकेश एम्स में भर्ती करवाया गया है। एम्स ऋषिकेश में घायल महिला कुसुम देवी का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुसुम देवी खतरे से बाहर है। द्वारीखाल विकास खंड में लगातार भालू के हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं। लैंसडाउन वन प्रभाग ने गश्त तेज कर दी है। 10 दिन पूर्व द्वारीखाल ब्लॉक के बिरमोली गांव में भी दो महिलाओं पर भालू ने हमला कर दिया था। दोनों महिलाएं गम्भीर रूप से घायल हो गई थीं। क्षेत्र में भालू के हमले की बढ़ती घटनाओं पर लैसडाउन वन प्रभाग ने गश्त बढ़ा दी है। जंगल घास लेने जा रही घसेरियों से अपील की है कि वो जंगल में घास, लकड़ी लेने के लिए अकेले ना जाएं बल्कि समूह में जाएं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button