हरिद्वार। लगातार हो रही वर्षा और भूस्खलन से चंडी देवी मंदिर के समीप नील पर्वत पर बना पुस्ता बह गया। पुस्ता बहने और लगातार हो रहे भूस्खलन से चंडीदेवी मंदिर परिसर खतरे की जद में हैं। खतरे को देखते हुए फिलहाल मंदिर दर्शन पर रोक लग गई है। वहीं रोपवे और पैदल मार्ग को बंद कर दिया गया है। चंडी देवी मंदिर परिसर को खाली कराया गया। सिटी कंट्रोल रूम द्वारा सूचना दी गई की चंडी देवी मंदिर के पास स्थित 04 दुकानें ढहने तथा अन्य दुकानों को खतरे की सूचना मिलने पर अग्निशमन अधिकारी हरिद्वार शिशुपाल सिंह नेगी के नेतृत्व में एक रेस्क्यू यूनिट तुरंत घटनास्थल पहुंची, घटनास्थल पर देखा कि दुकानों के नीचे की मिट्टी खिसक गई थी, जिससे दुकानों को खतरा उत्पन्न हो गया था, यूनिट द्वारा रस्सी एवं अन्य संसाधनों के माध्यम से दुकान में रखे सामानों इत्यादि को सकुशल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया, इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। पुस्ता बहने से चार दुकानों हुई क्षतिग्रस्त। मौके पर पहंुचकर तहसीलदार रेखा आर्या व प्रशासनिक टीम ने नुकसान का जाएजा लिया। पुलिस प्रशासन सारे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि एहतियात के तौर पर फिलहाल मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया है, जो श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे थे उन्हें वापस भेजा गया है।मंदिर मार्ग पर भी पहाड़ी से लगातार मलबा गिर रहा है।
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