
देहरादून। फर्जी रजिस्ट्री मामले में अधिवक्ता कमल विरमानी की रिमाण्ड पुलिस को मिल गई है। हाइकोर्ट से जमानत मिलने के बाद विरमानी से उम्मीद जताई जा रही थी कि उन्हें खुली हवा मिलेगी लेकिन प्यारेलाल मामले में एक बार फिर विरमानी को जेल की हवा खानी पड़ेगी।
फर्जी रजिस्ट्री प्रकरण में सन्दीप श्रीवास्तव, सहायक महानिरीक्षक निबंधन ने कौलागढ़ रोड, राजेन्द्र नगर स्थित प्यारेलाल कॉल की भूमि के फर्जी दस्तावेज तैयार कर भूमि का स्वामित्व किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर दर्शाते हुए कूटरचित दस्तावेजो को रजिस्ट्रार कार्यालय के रजिस्टरों में कूटरचना कर चस्पा करने के सम्बंध में थाना कोतवाली नगर में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की विवेचना के दौरान भूमि के मूल मालिक प्यारेलाल कॉल के नाम से आरोपी स्वर्ण सिंह तथा अमित यादव ने अपने अन्य सहयोगियो के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार करते हुए इस भूमि का एक फर्जी रजिस्ट्री स्वर्ण सिंह के नाम पर तैयार करने तथा स्वर्ण सिंह ने उसे उपहार पत्र के माध्यम से अमित यादव के नाम पर गिफ्ट डीड करने तथा अमित यादव ने यह भूमि की गिफ्ट डीड पूनम चौधरी के नाम करने के तथ्य प्रकाश में आये थे। फर्जी दस्तावेजो को आधार बनाकर आरोपियों ने एडवोकेट कमल विरमानी के माध्यम से जमीन पर कब्जा लेने के लिए एक वाद सिविल न्यायालय, देहरादून में दाखिल किया था। अभियोग में र्प्याप्त साक्ष्यो के आधार पर अभियुक्त स्वर्ण सिंह तथा अमित यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। विवेचना के दौरान कूटरचित दस्तावेज तैयार करने में आरोपी कमल विरमानी का नाम प्रकाश में आया था। पुलिस ने इस मामले में कमल विरमानी का न्यायालय से न्यायिक अभिरक्षा रिमाण्ड स्वीकृत कराया गया, जिसे न्यायालय के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार सुद्वोवाला दाखिल किया गया।