देहरादून। जमीनो के कूटरचित विलेख आदि प्रपत्रों को तैयार कर रजिस्ट्रार कार्यालय मे सम्बन्धित रजिस्टरों में दर्ज कर उन जमीनो को फर्जी व्यक्तियों के नाम कर कई जमीनों को खरीद फरोख्त का फर्जीवाड़ा प्रकाश में आने पर रजिस्ट्रार कार्यालय के सहायक महानिरीक्षक निबन्धन संदीप श्रीवास्तव ने कोतवाली नगर में कई मुकदमे दर्ज कराये जा चुके है। जिनमें एसआईटी लगातार अथक प्रयासों से साक्ष्य संकलन कर गहन विवेचना कर रही है। जिसमें अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेजा जा गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में धोखाधड़ी में शामिल अन्य के नाम प्रकाश में आये है। सहायक महानिरीक्षक निबन्धन संदीप श्रीवास्तव ने माजरा स्थित लगभग 55 बीघा जमीन के फर्जी विलेख तैयार करने के सम्बन्ध में कोतवाली नगर देहरादून में मु0अ0स0 377/2023 धारा 420/467/468/471/120बी भादवि पंजीकृत कराया गया था, उक्त अभियोग में पूर्व में समीर कामयाब तथा हुमायूं परवेज को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है आरोपियों से पूछताछ के आधार पर प्रकाश में आए एक रवि कोहली पुत्र स्व. किशन लाल निवासी ग्राम कुल्हड़पुर, तहसील नारायण गढ़ जिला अंबाला हरियाणा
को एसआईटी ने विस्तृत पूछताछ के बाद विवेचक एस आई कुलदीप पंत शनिवार को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में अभियुक्त रवि कोहली ने बताया गया कि वह पूर्व में अपने परिवार के साथ माजरा में रहता था वर्ष 2015 में रिटायर मेंट के बाद वह काम के सिलसिले में वापस देहरादून आया तथा यहां आकर प्रोपर्टी का काम करने लगा। जमीन के सिलसिले में उसकी मुलाकात समीर कामयाब और हुमायु परवेज से हुई, जिनके साथ मिलकर अभियुक्त प्रॉपर्टी का काम करने लगा। उनके द्वारा ऐसी जमीन की तलाश की जाती थी, जिसके मालिक का कोई पता न हो या जिस पर दो पक्षों का विवाद चल रहा हो, उसके बाद अभियुक्तगण सहारनपुर जाकर उक्त जमीन के कागज चेक करते थे और वहा रिकॉड बदल देते थे। अभियुक्त हुमायु परवेज की वहा अच्छी जान पहचान होने के कारण वह पैसे देकर रिकॉर्ड बदलवा देता था। अभियुक्तो द्वारा माजरा स्थित एक प्रॉपर्टी, जो लगभग 10 बीघा के करीब थी तथा उसके मालिक साधु सिंह की मृत्यु के बाद मुक्त संपत्ति पर साधू सिंह की पत्नी निरंजन कौर तथा पुत्री शीतल मंद के बीच सिविल कोर्ट में विवाद चल रहा था, अभियुक्तो द्वारा उक्त संपत्ति के फर्जी कागज अभियुक्त रवि के दादा पिशोरी लाल के नाम पर करने की योजना बनाई तथा वर्ष 2018 में समीर कामयाब और हुमायु परवेज द्वारा सहारनपुर से एक पुराना रिकॉर्ड लेकर एक फर्जी बैनामा सरदार साधू सिंह से अभियुक्त के दादा पिशोरी लाल के नाम करवाया तथा अभियुक्त हुमायु परवेज ने सहारनपुर जाकर उसे रिकॉर्ड पर लगा दिया। उसके पश्चात अभियुक्तो द्वारा नकल दस्तावेजों के माध्यम से सम्पति की मालिक शीतल मंड को नोटिस भी भिजवाया गया, अभियुक्त गण योजना के मुताबिक उक्त संपत्ति की पावर अटॉर्नी समीर कामयाब के नाम करके उक्त जमीन को बेचने की फिराक में थे पर समीर कामयाब और हुमायु परवेज के फर्जी रजिस्ट्री मामले में जेल चले जाने पर शीतल मंड द्वारा पटेल नगर थाने में अभियुक्तो के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा दी थी जिसमे अभियुक्त द्वारा कोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली गयी थी।