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कुमाऊं में भारी बारिश से जन जीवन अस्तव्यस्त

लालकुआं रेलवे ट्रैक पानी में डूबा, रेल यातायात बाधित

पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बरसात
देहरादून। उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में पिछले 24 घंटे से हो रही बरसात के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त है। जगह-जगह जलभराव और पहाड़ों पर मलबा आने से सड़क मार्ग भी बाधित हुए हैं। भारी बारिश के चलते लालकुआं रेलवे स्टेशन पर असर देखा गया है।
काशीपुर-लालकुआं रेलवे ट्रैक लालकुआं रेलवे स्टेशन पर पानी में पूरी तरह से डूब चुका है। स्टेशन और काशीपुर रेलवे ट्रैक पर भारी मात्रा में पानी आने से काशीपुर और बरेली मार्ग पर चलने वाली ट्रेनों का असर पड़ा है। बताया जा रहा है कि पहाड़ों पर भारी बारिश हो रही है। बरसात के चलते गौला नदी और नंधौर नदियों में भी ज्यादा मात्रा में पानी आया हुआ है।
रेलवे ट्रैक पर आए पानी की निकासी के लिए रेलवे के कर्मचारी लगे हुए हैं। रेलवे का अधिकारियों के मुताबिक कुछ देर में पानी कम हो सकता है। इसके बाद ट्रेनों का संचालन हो सकेगा। वहीं बारिश के चलते हल्द्वानी में जगह-जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है। बारिश के चलते सड़कों पर वाहनों की रफ्तार भी थम गई है। जिला प्रशासन ने बुधवार को नैनीताल जिले के कक्षा 12 तक के सभी स्कूलों को बंद रखने के निर्देश जारी किए हैं।

घरों में घुसा पानी
लाललकुआं। बताया जा रहा है कि टांडा रेंज के जंगलों में भारी बरसात के चलते जंगल का पानी काशीपुर रेलवे ट्रैक से होते हुए लालकुआं रेलवे स्टेशन परिसर तक पहुंचा है। यही नहीं रेलवे ट्रैक का पानी नगीना कॉलोनी की बस्तियां तक पहुंच गया है। इसके चलते पानी लोगों के घर में घुस गया है। बताया जा रहा है कि रेलवे ट्रैक पर पानी आने से लालकुआं से चलने वाली कोई ट्रेनों पर इसका असर देखा गया है।

नैनीताल जिले की 14 सड़कें बंद
नैनीताल। जिले में 1 राजमार्ग और 13 ग्रामीण मार्ग बारिश और भूस्खलन के कारण बंद हैं। काठगोदाम सिमलिया बैंड साननी राजमार्ग बंद पड़ा है। नैनीताल जिले में औसत वर्षा 46.4 ए एमएस दर्ज की गई है। गौला बैराज से 949 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। कोसी बैराज से 1270 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। पिथौरागढ़ जिले में धारचूला गुंजी मोटरमार्ग तवाघाट, एलागाड़ और मालघट पर बंद है। थल नाचनी मोटरमार्ग हरड़िया पर बंद है। बलुवाकोट धारचूला मोटरमार्ग निगालपानी पर बंद है। इन सड़कों को खोलने की कोशिश की जा रही है।

रामनगर में देर रात से जारी बारिश से बढ़ा नदी नालों का जलस्तर, कोसी भी उफनाई
रामनगर। नैनीताल जिले में बारिश का देर रात से दौर जारी है। पहाड़ी इलाकों में ज्यादा बारिश होने के चलते नदी नालों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। जानलेवा साबित होने वाले बरसाती नालों में भी लगातार पानी का जलस्तर बढ़ रहा है। कोसी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है।
रात से जारी बारिश के चलते नैनीताल जिले के हल्द्वानी, रामनगर, कालाढूंगी, लालकुआं, कोटाबाग आदि क्षेत्र में जन जीवन अस्तव्यस्त है। नदी नाले उफान पर आ गए हैं। अल्मोड़ा से बहने वाली कोसी नदी की बात करें तो रामनगर पहुंचते पहुंचते इसका जलस्तर काफी बढ़ गया है। कोसी बैराज में जलस्तर 3000 क्यूसेक तक पहुंच गया है। इस वर्ष कोसी बैराज का सबसे कम जलस्तर 40 क्यूसेक तक रहा है।
बरसाती नालों की बात करें तो हर वर्ष जानलेवा साबित होने वाले धनगढ़ी, पानोद, सांवल्दे, ढेला नदी, बेलगढ़ बरसाती नाला, तिलमट बरसाती नाले भी देर रात से उफान पर आ गए। हालांकि अभी इनका जलस्तर कम हो गया है। वहीं प्रशासन द्वारा भी सभी को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है। साथ ही प्रशासन द्वारा लोगों से भी अपील की गई है कि नदी नालों के पास न जाएं उनसे दूर रहे। बरसाती नालों में अपने वाहनों को ना डालें। पानी का बहाव कम होने पर ही अपने वाहनों को पार करें। वहीं प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर का ट्रीटमेंट का कार्य भी इसी के चलते बरसात को देखते हुए प्रशासन द्वारा करा लिया गया है। पहले फेस का कार्य पूरा हो चुका है। जिसके चलते बरसात में अब मंदिर के टीले को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।

बादल फटने से खेतों व स्कूल के रास्ते में आया मलबा
रुद्रप्रयाग। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने अवगत कराया है कि 3 जुलाई को समय प्रातः 8 बजे ग्राम प्रधान रुमसी द्वारा सूचना दी गई कि रुमसी देवीदार तोक में बादल फटने के कारण स्कूल का रास्ता व कुछ खेतों में मलवा आया है।
घटना की सूचना प्राप्त होते ही मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती, मुख्य कृषि अधिकारी लोकेंद्र सिंह बिष्ट, खंड विकास अधिकारी अगस्त्यमुनि प्रवीन भटृ एवं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार तथा राजस्व उप निरीक्षक घटना स्थल के लिए रवाना हुए तथा घटना स्थल पर पाया कि देवधार में जूनियर हाईस्कूल का रास्ता एवं कतिपय कृषि भूमि का आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस घटना में किसी प्रकार से कोई जानमाल, जनहानि एवं पशु हानि नहीं हुई है।
घटनास्थल पर पहुंचे मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती ने मुख्य कृषि अधिकारी, राजस्व उप निरीक्षक एवं खंड विकास अधिकारी सहित संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आंशिक रूप से क्षति हुई कृषि भूमि एवं जूनियर हाईस्कूल रास्ते का आंगणन प्रस्ताव आपदा प्रबंधन के तहत तैयार कर शीघ्रता से शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं तथा जूनियर हाईस्कूल के रास्ते में आए मलबे को तत्परता से हटाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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