
देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। जिसका असर अब प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में देखने को मिल रहा है। मौजूदा स्थिति यह है कि प्रदेश भर में करीब ढाई सौ सड़कें बाधित हैं। जिसके चलते यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आपदा सचिव ने खासकर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों पर यात्रा करने वाले यात्रियों से बारिश के दौरान यात्रा न करने की अपील की है। प्रदेश में बाधित सड़कों को खोलने के लिए करीब 400 जेसीबी तैनात किए गए हैं।
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश। खासकर प्रदेश का कुमाऊं रीजन भारी बारिश के चलते आपदा की चपेट में आ गया है। कुमाऊं क्षेत्र के खटीमा और टनकपुर में भारी बारिश के चलते तमाम लोग फंस गए। जिनको निकालने के लिए राहत बचाव टीम को काफी मशक्कतों का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार अभी भी अगले कुछ दिनों तक प्रदेश भर में बारिश की संभावना है। जिसके दृष्टिगत ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। भारी बारिश के चलते नैनीताल और चंपावत जिले की स्थिति बेहद खराब हो गई है। इन दोनों जिलों में सबसे अधिक सड़के बाधित हुई हैं। जिससे आवागमन कई जगहों पर पूरी तरह से ठप पड़ गया है।
आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कुमाऊं क्षेत्र में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। भारी बारिश के चलते कुमाऊं रीजन का निचला इलाका, टनकपुर, खटीमा में जलभराव से प्रभावित हुआ है। टनकपुर में करीब 25 लोग फंसे हुए थे उनको निकाल लिया गया है। साथ ही खटीमा में कुछ लोग फंसे हुए हैं। मौके पर अधिकारी और राहत बचाव की टीम मौजूद है। खटीमा में फंसे कुछ लोगों को भी निकाल लिया गया है। निकाले गए लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। उन्होंने कहा उम्मीद है कि कल से बारिश से थोड़ी राहत मिलेगी। प्रदेश के सभी मुख्य सड़कें खुली हुई हैं। कुछ ग्रामीण सड़कें बाधित हैं। वर्तमान समय में चारधाम यात्रा चल रही है। सिर्फ एक दिन 7 जुलाई को चारधाम यात्रा रोकी गई थी।
वर्तमान समय में चारधाम यात्रा पर कोई रोक हटा दी गई है। यात्रा सामान्य चल रही है। कल बदरीनाथ धाम के कुछ जगहों पर यातायात बाधित हुआ। जिसके चलते थोड़ी दिक्कत हुई। फिलहाल अभी यात्रा चल रही है। पर्वतीय मार्गों पर सफर करने वाले लोगों से आपदा सचिव ने मौसम देखकर ही यात्रा करने की अपील की है।