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धारचूला में एलधार चट्टान से आया भारी मलबा

बारिश ने धारचूला में दिखाया रौद्र रूप

पटा मल्ली बाजार में मलबा आने से दुकानदार परेशान
दो साल पहले दरक गई थी एलधार चट्टान
देहराूदन। प्री मानसून में ही बारिश ने धारचूला में अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। बुधवार को हुई बारिश से एलधारा चट्टान का मलबा मल्ली बाजार में भर गया। सड़कें, नालियां मलबे से पट गई हैं। कीचड़ से पटे बाजार में व्यापारियों को अपनी दुकानें बंद करनी पड़ीं।
आक्रोशित धारचूलावासियों ने सुरक्षात्मक कार्य जल्द पूरे नहीं कराये जाने पर सिंचाई विभाग कार्यालय में ताले ठोक देने की चेतावनी दी है। धारचूला नगर के समीप नेशनल हाइवे से लगी एलधार चट्टान दो वर्ष पूर्व दरक गई थी, जिससे आधा दर्जन मकान ध्वस्त हो गये और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये थे।
दुकानों, घरों में मलबा घुस जाने से लोगों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था। 105 दिनों तक मल्ली बाजार क्षेत्र अलग थलग पड़ा रहा। इसके बाद सरकार ने एलधार में सुरक्षात्मक कार्य कराने के लिए 20 करोड़ की धनराशि सिंचाई विभाग को जारी किये थे। सिंचाई विभाग ने मानूसन काल से पहले एलधार में मल्ली बाजार की सुरक्षा के लिए जरूरी प्रबंध कर लिये जाने का दावा किया था, लेकिन प्री मानसून बारिश में ही इस दावे की हवा निकल गई।
भारी बारिश से एलधार से गिरे मलबे से पूरा बाजार पट गया। दो वर्ष पूर्व आपदा का कहर झेल चुके मल्ली बाजार निवासी ओम प्रकाश वर्मा, बृजेश कुंवर, रमेश कुटियाल, इंद्रदेव बहुगुणा, सुशील अग्रवाल, नदीम परवेज, रफीक अहमद, गिरीश राठौर आदि को फिर घर छोड़ने का डर सता रहा है।
इन लोगों ने कहा कि एलधार से पानी निकासी के लिए नालियों का निर्माण किया जाना था जो अब तक नहीं हो सका है। उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष भूपेंद्र थापा ने कहा है कि जल्द सुरक्षात्मक कार्य नहीं कराये गये तो सिंचाई विभाग कार्यालय में तालाबंदी कर दी जायेगी। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता प्रमोद मिश्रा ने बताया कि मल्ली बाजार में मलबा आने की शिकायत मिली है और स्थल का निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा। धारचूला नगर के समीप नेशनल हाईवे से लगी एलधार चट्टान दो वर्ष पूर्व भी दरक गई थी, जिससे भारी क्षति हुई थी। अब फिर से बारिश के कारण उसी चट्टान का मलबा बाजार में भर गया है, जिससे लोग चिंतित हैं और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग कर रहे हैं।


पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर स्कूटी सवार की मौत
देहरादून। कालसी साहिया मार्ग पर पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर एक स्कूटी सवार की मौत हो गयी। मौके पर पहंुची पुलिस टीम ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मिली जानकारी के अनुसार कालसी साहिया मार्ग पर एक वाहन सवार स्कूटी से जा रहा था। अचानक पहाड़ी से लैंडस्लाइड शुरू हुआ और एक बहुत बड़ा पत्थर स्कूटी सवार इस व्यक्ति के ऊपर गिर गया। पहाड़ी से तेज गति से गिरे बड़े पत्थर के टकराने से यह स्कूटी सवार वाहन पर से नियंत्रण खो बैठा। अनियंत्रित स्कूटी के साथ सवार करीब 800 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। रास्ते में आते-जाते कुछ लोगों इसकी सूचना आपदा कंट्रोल रूम को दी।
सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम घटनास्थल के लिए रवाना हुई। टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। कड़ी मशक्कत के बाद एसडीआरएफ की टीम उस स्थान पर पहुंच गई जहां स्कूटी सवार व्यक्ति पड़ा हुआ था। टीम ने देखा कि उस व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। टीम ने कड़ी मशक्कत करते हुए स्कूटी सवार यात्री का शव को ऊपर सड़क तक पहुंचाया। इसके बाद शव पुलिस के हवाले कर दिया गया। मृतक का नाम  मातेश्वर उम्र 45 साल निवासी सहिया बताया जा रहा है।

दून सहित पूरे राज्य में बारिश का दौर जारी
यात्रियों से सावधानी बरतने की अपील
देहरादून। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुरूप बुधवार सुबह से ही उत्तराखंड के आसमान में काले घने बादलों ने अपना डेरा डाल रखा है। गरज के साथ कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा भी अपनी तैयारियों को धार दी जा रही है। जिससे आपदा के समय प्रभावितों की मदद की जा सके।
अलर्ट के मद्देनजर आदि कैलाश और ओउम पर्वत की यात्रा को 30 जून तक के लिए रोक दिया गया है। वही चार धाम यात्रा मार्गों पर चिन्हित डेंजर जोन में जेसीबी और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमों को तैनात कर दिया गया है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है वहीं सभी जिलाधिकारी को 24 घंटे स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। धामों में पहुंचने वाले यात्रियों के लिए भी नई एसओपी जारी की गई है।
उधर आज आपदा प्रबंधन विभाग के मुखिया रंजीत सिन्हा द्वारा सभी हाइड्रो प्रोजेक्ट के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की जिसमें शैडो सिस्टम तैयार करने को कहा गया है। हर एक बांध के जल स्तर और उसे छोड़े जाने वाले पानी की जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग को मुहैया कराई जाएगी जिसके आधार पर आपदा प्रबंधन की तैयारी रखी जाएगी। बैठक में एनडीआरएफ एसडीआरएफ तथा अन्य कई विभागों के अधिकारी की मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि 27 से 30 जून के बीच राज्य के चार जिलों जिनमें पिथौरागढ,़ बागेश्वर, चंपावत व नैनीताल शामिल है अतिवृष्टि की संभावना जताई गई है जबकि चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग तथा दून सहित पूरे राज्य में भारी व सामान्य बारिश की चेतावनी देते हुए इस दौरान भूस्खलन बाढ़ व रोड ब्लॉक होने के साथ बादल फटने व आकाशीय बिजली गिरने से नुकसान की संभावना जताई गई है।

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