देहरादून। मुख्यालय पुलिस महानिदेशक प्रदेश में महिला संबंधी अपराधों में और अधिक प्रभावी कार्यवाही, विवेचना एवं दोषियों को सजा दिलाने का प्रतिशत बढाए जाने के लिए मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर राज्य स्तरीय ऑनलाइन लघु अवधि कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जनपदों में नियुक्त पर्यवेक्षण अधिकारियों (अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक) एवं अपर एसआई रैंक से निरीक्षक रैंक तक के 310 पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला के दौरान सीडीटीआई चंडीगढ़ एवं अन्य अधिकारियों की ओर से पर्यवेक्षण अधिकारियों, विवेचकों को महिला पीडितों के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया जाए और किस प्रकार का व्यवहार न किया जाए के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। साथ ही किसी अपराध पीड़िता को पूर्ण न्याय दिलाए जाने के लिए अन्य संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर उनको सहयोग प्रदान किए जाने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त महिला संबंधित मामलों की विवेचना में और अधिक गुणवत्ता लाए जाने के लिए विधिक प्रक्रिया, विवेचना में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग, विवेचना के दौरान भौतिक/फारेंसिक साक्ष्य संकलन एवं परीक्षण के लिए एफएसएल भेजने के लिए प्रक्रिया, महिला अपराधों से संबंधी प्रावधानों में अध्यावधिक संशोधन एवं संबंधित केस लॉ आदि की जानकारी प्रदान की। महिला पीडितों के पुनर्वास के लिए महिला कल्याण विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के संबंध में जानकारी देते हुए विस्तृत व्याख्यान दिया गया। कार्यशाला के दौरान पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था पी.रेणुका देवी, उप प्रधानाचार्य सीडीटीआई चण्डीगढ़ डॉ. साहिल अरोड़ा, पुलिस उपाधीक्षक सीडीटीआई चण्डीगढ़ पूजा, डिप्टी डायरेक्टर एफएसएल डॉ. मनोज अग्रवाल, अभियोन अधिकारी अभियोजन निदेशालय ऋचा एवं निदेशालय महिला कल्य़ाण विभाग डॉ अंजना एवं अन्य पुलिस अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।