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चकराता में शहीद केसरी चंद मेले में उमड़ा जन सैलाब

शहीद को हजारों लोगों ने दी श्रद्धांजलि

देहरादून। आजादी की लड़ाई में शहीद हुए जौनसार बावर क्षेत्र के वीर शहीद केसरी चंद के बलिदान दिवस पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी चकराता के पास रामतल गार्डन में भव्य मेले का आयोजन किया गया। मेले में जौनसार बावर सहित हिमाचल गढ़वाल से सैकड़ों लोगों ने शिरकत की और वीर शहीद केसरी चंद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान कलाकारों ने लोक संस्कृति की छटा भी बिखेरी।
शहीद केसरी चंद जौनसार बावर के वह वीर सपूत थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए बहुत छोटी उम्र में फांसी का फंदा चूम लिया था। वह सुभाष चंद्र बोस के श्तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगाश् के नारे से प्रभावित थे। आजाद हिंद फौज में शामिल होने पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने उनके साहस और पराक्रम को देखकर जोखिम भरे कार्य सौंपे। इसी बीच ब्रिटिश फौज ने उन्हें पकड़ लिया और उन्हें बंदी बनाकर दिल्ली की जिला जेल भेज दिया। वह अंग्रेजी हुकूमत के सामने झुके नहीं और 3 मई 1945 में हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए।
विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि वीर बलिदानी शहीद केसरी चंद के शहीद दिवस पर मेले का आयोजन किया जाता है। ये मेला युगों-युगों तक इस देश की जनरेशन को इस बात के लिए प्रेरित करता रहेगा कि शहीद केसरी चंद ने कम उम्र में अपने जीवन की सब सुख-सुविधाएं त्याग कर देश के लिए अपना बलिदान दे दिया। वहीं, केसरी चंद मेला समिति के अध्यक्ष संजीव चौहान ने कहा कि केसरी चंद जौनसार बावर क्षेत्र से हैं। ऐसे में इस दिन को दुखी होकर नहीं, बल्कि पर्व के रूप मे मनाएं। उन्होंने कहा कि इस मेले का आयोजन हर साल होता है।

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