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रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में एक और गिरफ्तार

रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा: माजरा में 10 बीघा भूमि की फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी सब रजिस्ट्रार कार्यालय में कार्रवाई दाखिल

देहरादून। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में एसआइटी की पकड़ अभी ढीली नहीं पड़ी है। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की परतों का उघाड़ने का क्रम जारी है। इसी कड़ी में अब पुलिस ने माजरा में 10 बीघा भूमि को फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में नानकमत्ता के सुखविंदर सिंह को गिरफ्तार किया है। इस फर्जीवाड़े में भी जेल में बंद अधिवक्ता कमल विरमानी और भूमाफिया केपी सिंह (अब मौत हो चुकी) की भूमिका सामने आई है। दूसरी तरफ एसआइटी का शिकंजा अब राजस्व और सब रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों पर भी कस सकता है। इनकी विभागीय जांच के लिए एसआइटी ने जिलाधिकारी को पत्र भेज दिया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह और एसआइटी प्रभारी सर्वेश पंवार के मुताबिक शीतल मंड निवासी रामनिवास माजरा देहरादून ने थाना पटेलनगर में भूमि धोखाधडी से संबंधित शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने कहा कि केपी सिंह ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर माजरा स्थित उनकी 10 बीघा जमीन की फर्जी पावर आफ अटार्नी बनाकर उसकी रजिस्ट्री सुखविंदर सिंह निवासी नानकमत्ता के नाम करा दी है। साथ ही इस भूमि को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर केपी सिंह के पिता बलवीर सिंह की कंपनी को गिफ्ट डीड कर दी गई है। शिकायत के आधार पर थाना पटेलनगर में मु.अ.सं. 453/23 धारा 420, 467, 468, 471, 120बी बनाम केपी सिंह व अन्य पंजीकृत किया गया, जिसकी विवेचना वर्तमान में एसआईटी टीम द्वारा की जा रही है।

एसआइटी प्रभारी सर्वेश पंवार के अनुसार इस मामले में पुलिस टीम पूर्व में 02 अभियुक्तों समीर कामयाब तथा रवि कोहली को गिरफ्तार कर चुकी है। जिनसे पूछताछ के आधार पर अभियोग में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री अपने नाम पर करने तथा जमीन को फर्जी तरीके से अपने सह अभियुक्त के नाम पर गिफ्ट डीड करने वाले अभियुक्त सुखविन्दर सिंह पुत्र दर्शन सिंह को पुलिस टीम ने नकमत्ता ऊधमसिंहनगर से गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी उपनिरीक्षक कुलदीप पंत, उपनिरीक्षक अमित ममगाईं व कांस्टेबल रवि शंकर ने की।

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