
देहरादून। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रीय राजमार्ग-74 घोटाले में 3 आरोपियों समेत एक फर्म के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इनमें एक कारोबारी और उसकी फर्म भी शामिल है। सभी पर गलत तरीके से मुआवजा लेने का आरोप है। ईडी इस मामले में आरोपियों की ढाई करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियां अटैच कर चुकी है। साथ ही ईडी ने जांच के बाद धनशोधन अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट का स्पेशल ईडी कोर्ट ने संज्ञान लेकर ट्रायल के लिए 13 मई की तिथि नियत की है।
साल 2017 में एनएच घोटाला सामने आने के बाद इसकी जांच एसआईटी ने शुरू की थी तो कई अधिकारी और स्थानीय किसान जांच के घेरे में आए थे। सैकड़ों लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। किसानों ने अपनी जमीनों को रिहायशी दर्शाकर करोड़ों रुपए का मुआवजा हासिल किया था। इनमें बहुत से किसान पंजाब के मूल निवासी थे। साथ ही एसआईटी की जांच के बाद कई अधिकारियों पर गाज भी गिरी।
एसआईटी की जांच के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने साल 2022 में मामले पर कार्रवाई शुरू की। कार्रवाई के दौरान ईडी ने बहुत से लोगों की संपत्तियां अटैच की। ईडी ने विक्रमजीत सिंह निवासी गिन्नीखेड़ा, काशीपुर उधमसिंह नगर, मंदीप सिंह निवासी गिन्नीखेड़ा, विक्रमजीत सिंह और मंदीप की फर्म टेरा टेरा सीड्स और दिनेश प्रताप सिंह निवासी राजपुर रोड देहरादून के खिलाफ धन शोधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की थी।
ईडी से मिली जानकारी के अनुसार, विक्रमजीत सिंह की 12 लाख रुपए की अचल संपत्तियां, टेरा-टेरा सीड्स की 2.11 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां और टेरा-टेरा सीड्स के खाते की 22.87 लाख रुपए की संपत्तियां अटैच करने के बाद ईडी ने इनके खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज कराई। इसकी स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई। अब इनके खिलाफ ईडी ने जांच के बाद धनशोधन अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट का स्पेशल ईडी कोर्ट ने संज्ञान लेकर ट्रायल के लिए 13 मई की तिथि नियत की है।