
विपक्ष पर भी किया कटाक्ष, बोले कुछ लोग भारत की संस्कृति को लेकर अपमान का भाव रखते हैं
हरिद्वार। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज उत्तराखंड दौरे पर रहे। जहां उन्होंने हरिद्वार स्थित गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में आयोजित वेद विज्ञान एवं संस्कृति महाकुंभ का उद्घाटन किया जो कि महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम 25 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सम्मिलित होंगे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड के रिटायर्ड राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह भी मौजूद रहे। अपने भाषण में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को संसद भवन देखने के लिए निमंत्रित किया और कहा कि वह बिना समय गवाएं एक बार संसद भवन जरूर देखने आएं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह सभी विद्यार्थियों को खुद संसद भवन दिखाएंगे और सभी विद्यार्थी और कुलपति हमारे संसद भवन में मेहमान होंगे। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि संसद भवन में आकर विद्यार्थियों को पता चलेगा कि मौजूदा और पहले के भारत में कितना बदलाव हुआ है। संसद भवन देखकर आने वाले समय में और क्या-क्या बदलाव भारत में देखने को मिलेंगे, यह सब विद्यार्थियों को पता चलेगा। इसी के साथ उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में वेदों का बहुत महत्व है। इसीलिए हमें चाहिए कि वेदों का अध्ययन करें।
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, देश को महान बनाने के लिए वेदों की ओर लौटना होगा। उन्होंने कटाक्ष में कहा कि कुछ लोग भारत की प्रगति को पचा नहीं पा रहे, आप उनकी पाचन को सही करने का काम करेंगे। कुछ लोग भारत की संस्कृति को लेकर अपमान का भाव रखते हैं। भारत की छवि को धूमिल करने में लगे रहते हैं। भारत विरोधी प्रचार करने वाले को राष्ट्र के विरोधी पर प्रतिघात होना चाहिए।
महर्षि दयानंद के जीवन की दिशा में हमें आगे बढ़ना होगाः धामी
हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अब हमें वेदों की ओर लौटना होगा और महर्षि दयानंद के जीवन की दिशा में हमें आगे बढ़ना होगा। तब जाकर पुनः भारत विश्व गुरु बन सकता है, जिसके बारे में हमारे ऋषि मुनियों ने कल्पना की और आज हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार इस दिशा में आगे बढ़ने का कार्य कर रहे हैं। यह बड़ी विडंबना है कि आज भी आमजन से वेद काफी दूर हैं। हमारे वेद आचार्य धर्माचार्य को चाहिए कि वह वेदों से आमजन को जोड़ें और यह कार्य तभी हो सकता है, जब इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होंगे।
देश- विदेश के 700 शोध पत्र महाकुंभ में पढ़े जाएंगे
हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में आयोजित वेद विज्ञान एवं संस्कृति महाकुंभ आयोजित हो रहा है। महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में 800 से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं तथा देश-विदेश से 700 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुति के लिए प्राप्त हुए हैं। शोध पत्र सारांश की स्मारिका पुस्तक का विमोचन वेद-विज्ञान एवं संस्कृति महाकुम्भ के उद्धघाटन समारोह में किया जाएगा।
वैदिक विद्वान, वैज्ञानिक, शोधकर्ता और अकादमिक विशेषज्ञ करेंगें मंथनः डा. माटा
हरिद्वार। अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के संयोजक डॉ. गगन माटा ने बताया है कि वेद -विज्ञान और संस्कृति महाकुम्भ के अवसर पर आयोजित यह अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी अपने प्रकार के उल्लेखनीय और वृहद आयोजन है इसमें देश विदेश के वैदिक विद्वान, वैज्ञानिक, शोधकर्ता और अकादमिक विशेषज्ञ एक मंच पर एकत्र होकर विचार-विमर्श और अकादमिक मंथन करेंगे। जिसका लाभ शोध करने वालों के अलावा अन्य को भी मिलेगा। डॉ. माटा ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में हाईब्रिड मोड से शोध पत्र वाचन की व्यवस्था की गई है, इसके अलावा प्रत्येक वैज्ञानिक सत्र में बीज वक्तव्य एवं दो विशिष्ट व्याख्यान के लिए विषय-विशेषज्ञ आमंत्रित किए गए हैं। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के सभागारों में वैज्ञानिक प्रस्तुति सत्र आयोजित किए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में प्रस्तुत शोध पत्रों में से चयनित कर उल्लेखनीय शोध पत्रों को एक संपादित ग्रंथ के रूप में भी प्रकाशित किया जाएगा।