उत्तराखंडक्राइमदेहरादून

दून पुलिस ने 15 लाख कीमत का 58 किलो ग्राम गांजा किया बरामद

नशा तस्करी मे 4 पुरूष व 1 महिला को भेजा जेल

देवभूमि को नशे की गर्त में भेजने का प्रयास करने वालों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जायेगाः एसएसपी
देहरादून। ड्रग्स फ्री देवभूमि 2025 के विजन को सार्थक किये जाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जनपद को नशा मुक्त करने व नशा तस्करों के विरुद्ध कडी कार्रवाई करने के लिए सभी अधीनस्थों को कडे निर्देश निर्गत किये गये हैं। निर्गत निर्देशों के क्रम में सम्पूर्ण जनपद में संदिग्ध व्यक्तियों के सत्यापन तथा नशा तस्करों पर अंकुश लगाये जाने के लिए लगातार सत्यापन व सघन चौकिंग अभियान चलाया जा रहा है। थाना रायवाला क्षेत्रान्तर्गत चैकिंग के दौरान हरिद्वार की ओर से एक संदिग्ध बिना नम्बर की क्रेटा कार आती दिखाई दी, जिसे चैकिंग के लिए रोकने का इशारा किया गया तो पुलिस बल को देखकर वाहन चालक द्वारा वाहन को तेजी से वापस मोडकर वहां से भागने का प्रयास किया गया। जिसे पुलिस बल ने  तत्परता दिखाते हुए घेर-घोट कर पकड लिया गया। भागने का कारण पूछने पर वाहन चालक कोई जवाब नहीं दे पाया, संदिग्धता प्रतीत होने पर वाहन की चौकिंग की गई तो वाहन में चालक सहित 3 अन्य पुरूष एवं एक महिला बैठी थी, वाहन की तलाशी लेने पर वाहन में से 58 किलो अवैध गांजा बरामद किया गया। पकड़े गए नशा तस्करों में विवरण गिरफ्तार दीपक कुमार पुत्र राजकुमार निवासी लाल कोठी लालजी वाला हरिद्वार, सुनील आर्य पुत्र स्व. निरंजन लाल निवासी खडखडी थाना कोतवाली हरिद्वार, इस्तकार पुत्र सत्तार निवासी ग्राम एथल थाना पथरी हरिद्वार, रियाज पुत्र खुर्शीद निवासी ग्राम एथल थाना पथरी हरिद्वार व महिला पूजा देवी पत्नी दीपक कुमार निवासी लालजीवाला हरिद्वार को गिरफ्तार किया जबकि  आमिर उर्फ किफायत निवासी मुज्जफरनगर मौके से फरार हो गया। सख्ती से पूछताछ करने पर नशा तस्करों ने बताया गया कि हम सभी यह गांजा मुजफ्फरनगर के एक व्यक्ति आमिर द्वारा 10000 रूपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया जाता है। जिसे हम सभी छोटी-छोटी पुडियों में हर की पैडी, ऋषिकेश, मुनी की रेती, रायवाला आदि स्थानो पर बाबओ और स्थानीय युवको को 25000 से 30000 रूपये प्रति किलो के रेट से बेचते है। जिससे हमें काफी मुनाफा होता है तथा मुनाफे की धनराशि को हम सभी आपस में बांट लेते हैं। आरोपियों ने बताया कि घटना में प्रयुक्त क्रेटा कार भी उन सभी ने गांजा बेचकर हुए मुनाफे से प्राप्त धनराशि से ही खरीदी है, जिसका इस्तेमाल वो नशा तस्करी के लिये करते हैं।

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