उत्तराखंडक्राइमदेहरादून

भाई और भतीजे को षड्यंत्र में फंसाने की साजिश का भंडाफोड़

बालिका को बेहोश कर लाखों की चोरी करने की घटना झूठी निकली

शिकायत कर्ता के विरुद्ध पुलिस की ओर से की जाएगी कार्यवाही

देहरादून। कोतवाली विकासनगर क्षेत्रांतर्गत जीवनगढ़ आदर्श कॉलोनी में पुलिस ने एक भाई की ओर से दूसरे भाई और भतीजे को षड्यंत्र में फंसाने को लेकर रची साजिश का भंडाफोड़ किया है। जांच में घर पर बालिका को बेहोश कर लाखों की चोरी करने की घटना झूठी निकली जिस पर शिकायत कर्ता के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
जानकारी के अनुसार जितेंद्र चौधरी निवासी लेन नंबर 4 आदर्श कॉलोनी लाइन जीवनगढ़ विकासनगर ने सूचना दी कि जब वह समय 3:30 बजे से 4:30 के मध्य अपने रिश्तेदारों को छोड़ने हरबर्टपुर गया था तब घर पर 14 वर्षीय भांजी थी। जब हरबर्टपुर से वापस आया तो देखा कि गेट बंद है तथा घर के अंदर आवाज लगाई तो कोई बाहर नही आया तब किसी को दीवार से चढ़ाकर गेट को किसी तरह से खुलवाकर चेक किया तो अंदर उसकी भांजी किचन के पास बेहोश पड़ी थी और चाय का बर्तन, नमकीन और चाय गिर कर फर्स पर पड़ी थी और दोनों कमरों का सामान बिखरा पड़ा था और गोदरेज को अलमारी का ताला खोलकर आलमारी में रखी बड़ी मात्रा में नगदी और ज्वैलरी चोरी हो गई थी। सीसीटीवी बंद थे घर की लाइट बंद थी तथा चोरी का शक अपने भाई वीरेंद्र चौधरी और भतीजे कुणाल पर लगाया गया था। तहरीर के आधार पर कोतवाली विकासनगर में मुकदमा दर्ज किया गया जिसकी विवेचना चौकी प्रभारी डाकपत्थर एसआई अर्जुन सिंह गुसाईं के सुपुर्द की गई। वादी की 14 वर्षीय भांजी स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रही थी। सीडीआर,सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन और आसपास के गवाहों के कथन अनुसार प्रतिवादियों का घटना स्थल पर आना जाना नही पाया गया। जितेंद्र चौधरी से पूछताछ की गई तो माफी मांगता हुए कहने लगा की मेरे भाई वीरेंद्र चौधरी और मेरा घर के कब्जे को लेकर विवाद है जिसको लेकर मेरी वीरेंद्र चौधरी के साथ रक्षा बंधन के दिन बहस हो गई थी तभी से में वीरेंद्र चौधरी को सबक सिखाने और घर अपने नाम करने का षड्यंत्र रच रहा था कि जब में अपने रिश्तेदारों 2 लोगों को छोड़ने के लिए हरबर्टपुर जा रहा था तब मैने जान कर अपनी भांजी को घर पर अकेला छोड़ा था और रिश्तेदारों को छोड़ने के लिए घर पर उपस्थित अन्य सभी लोगों को लेकर गया था, भांजी से मैने कहा था कि जब हम घर से निकल जाएं उसके बाद घर का सामान और अलमारी का सामान बिखेर देना, सीसीटीवी कैमरे बंद कर देना और अपने आप बेहोश होने का नाटक करना। मेरी भांजी ने मेरे कहने पर सारा नाटक किया था और जब वह बेहोश होने का नाटक कर रही थी तब उसको अस्पताल ले जाने के बाद वापस घर लाने के लिए मैने दिल कुमार को भेजा तो उसको मैंने ही बताया था कि यदि पुलिस पूछे तो बताना की 5 लाख त्यूणी दुकान से लाकर मैंने ही जितेंद्र चौधरी को दिए थे जो चोरी हो गए और ज्वैलरी भी चोरी हो गई, मेरे कहने पर ही मेरी भांजी और दिल कुमार ने झूठ बोला था

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